Five associate banks to merge with SBI from April

आने वाले दिनों में भारत के कई बैंक बंद होने वाले है और इसके लिए सरकार ने पूरी तैरारी भी कर ली है. इन बैंकों के बंद होने के कारण से यहाँ के ग्राहकों को क्या असर पड़ेगा इसके लिए भी वित्त मंत्रालय ने गाइड लाइन जारी कर दी हैं. दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 5 सहयोगी बैंकों का विलय हो जाएगा।

Five associate banks to merge with SBI from April

एसबीआई के मुताबिक पांच सहयोगी बैंकों के मुख्यालयों में से 3 बैंकों के मुख्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। जबकि दो बैंकों के हेड ऑफिस को जारी रखा जाएगा। इस बैकों की करीब 27 जोनल कार्यालय, 81 क्षेत्रीय कार्यालय और 11 नेटवर्क कार्यालयों को बंद करने का फैसला किया गया है।

 

इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला शामिल हैं। अप्रैल से इन बैंकों की सभी शाखाएं SBI के ब्रांच के रूप में काम करेंगी। इतना ही नहीं भारतीय महिला बैंक भी इन एसबीआई में शामिल होंगी। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद भारतीय महिला बैंक को भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय का ऐलान किया गया है। 1 अप्रैल से ये बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का हिस्सा होंगे।

फाइनेंस मिनिस्टर अरूण जेटली के मुताबिक इस विलय से महिलाओं को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं मिल सकेंगी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके सहयोगियों के विलय से पहले ही इन पांचों बैंक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड एसबीआई नेटवर्क के तहत करते रहे हैं। अब इन सहयोगियों के विलय के बाद अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और मजबूत होगा और सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। एसबीआई में इन बैंकों के विलय से बैंक को 5,000 करोड़ रुपए की निश्चित पूंजी हासिल होगी। इस विलय के बाद एसबीआई के पास 21 लाख करोड़ रुपए से ज्‍यादा के डिपॉजिट्स होंगे। वहीं लोन बुक भी 17.5 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच जाएगी।

arun finance minister

सभी बैंक 1 अप्रैल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो जाएंगे। विलय के बाद एसबीआई ने बैंकों के आधे से ज्यादा करीब 47 प्रतिशत बैंकों को बंद करने का फैसला किया है। एसबीआई इन बैंकों के 47 प्रतिशत को बंद कर देगी। जिसमें तीन बैंकों का मुख्यालय भी शामिल है। बैंक शाखाओं की बंद करने की प्रक्रिया 24 अप्रैल से शुरू होगी।

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